एक सयानी सास ने नई-नई आई बहू से पूछा –
बहू-मान लो अगर तुम पलंग पर
बैठी हो और मैं भी उस पर आकर
बैठ जाऊं तो तुम क्या करोगी ?
बहू –तो मैं उठकर सोफे पर बैठ जाऊंगी.
सास – और अगर मैं भी आकर सोफे पर बैठ
जाऊं तो क्या करोगी ?
बहू – तो मैं फर्श पर चटाई बिछाकर बैठ जाऊंगी.
सास–और अगर मैं भी चटाई पर आ जाऊं तो फिर क्या करोगी ?
बहू –तो मैं जमीन पर बैठ जाऊंगी
सास मजे लेते हुए आगे बोली – और मैं जमीन पर भी तुम्हारे बगल में बैठ गई तो क्या करोगी ?
बहू (खीझ कर ) – तो मैं जमीन में गड्ढा खोद कर उसमें बैठ जाऊंगी.
सास – और अगर मैं गड्ढे में भी आकर बैठ गई तो ?
बहू – तो मैं गड्ढे से निकलकर
ऊपर से मिट्टी डालकर तुझे वहीँ दफना दूँगी ठरकी बुढ़िया ..
बहू-मान लो अगर तुम पलंग पर
बैठी हो और मैं भी उस पर आकर
बैठ जाऊं तो तुम क्या करोगी ?
बहू –तो मैं उठकर सोफे पर बैठ जाऊंगी.
सास – और अगर मैं भी आकर सोफे पर बैठ
जाऊं तो क्या करोगी ?
बहू – तो मैं फर्श पर चटाई बिछाकर बैठ जाऊंगी.
सास–और अगर मैं भी चटाई पर आ जाऊं तो फिर क्या करोगी ?
बहू –तो मैं जमीन पर बैठ जाऊंगी
सास मजे लेते हुए आगे बोली – और मैं जमीन पर भी तुम्हारे बगल में बैठ गई तो क्या करोगी ?
बहू (खीझ कर ) – तो मैं जमीन में गड्ढा खोद कर उसमें बैठ जाऊंगी.
सास – और अगर मैं गड्ढे में भी आकर बैठ गई तो ?
बहू – तो मैं गड्ढे से निकलकर
ऊपर से मिट्टी डालकर तुझे वहीँ दफना दूँगी ठरकी बुढ़िया ..
योगा टीचर- क्या योग करने से आपके पति की शराब पीने की आदत पर कुछ असर पड़ा?
बबली-हां, बहुत शानदार असर पड़ा है। अब वह पूरी बोतल सिर के बल खड़े होकर एक ही सांस में पी जाते हैं!!
बबली-हां, बहुत शानदार असर पड़ा है। अब वह पूरी बोतल सिर के बल खड़े होकर एक ही सांस में पी जाते हैं!!
पप्पू-मम्मी
मुझे नींद नहीं आ रही, मुझे कोई कहानी सुनाओ।
मम्मी-थोड़ी देर ठहर जा,
तुम्हारे डैडी आते ही होंगे। टाइम पर घर न आने की कहानी वो जो मुझे
सुनाएंगे तू भी सुन लेना
एक कंजूस आदमी के घर मेहमान आया.
कंजूस – “भाईसाहब, ठंडा लेंगे या गरम ?”
मेहमान – “ठंडा…”
कंजूस – “जूस या कोल्डड्रिंक ?”
मेहमान – “जूस ले लूँगा .”
कंजूस – “स्टील के गिलास में लेंगे या
कांच के गिलास में … ?”
मेहमान – “कांच के गिलास में ले आओ …”
कंजूस – “प्लेन या डिजाइन वाला ?”
मेहमान (परेशान होते हुए ) – “अरे यार, डिजाइन वाले में ही ले आओ … !”
कंजूस – “ओके, कौनसी डिजाइन पसंद है ?
लाइनों वाली या फूलों वाली ?”
मेहमान – “फूलों वाली.”
कंजूस – “कौन से फूल ? गुलाब के या चमेली के ?”
मेहमान – “गुलाब के.”
.
.
.
कंजूस (अपनी बीवी से) – “लाजो, ज़रा देख तो गुलाब
के फूलों की डिजाइन वाला गिलास अपने घर में है या नहीं ?”
बीवी – “नहीं है जी …”
कंजूस (खीजते हुए ) – “ओ त्तेरी ! नहीं है ....?
.
चल फिर जूस रहने दे …
भाईसाहब को मजा नहीं आएगा…. !!!
कंजूस – “भाईसाहब, ठंडा लेंगे या गरम ?”
मेहमान – “ठंडा…”
कंजूस – “जूस या कोल्डड्रिंक ?”
मेहमान – “जूस ले लूँगा .”
कंजूस – “स्टील के गिलास में लेंगे या
कांच के गिलास में … ?”
मेहमान – “कांच के गिलास में ले आओ …”
कंजूस – “प्लेन या डिजाइन वाला ?”
मेहमान (परेशान होते हुए ) – “अरे यार, डिजाइन वाले में ही ले आओ … !”
कंजूस – “ओके, कौनसी डिजाइन पसंद है ?
लाइनों वाली या फूलों वाली ?”
मेहमान – “फूलों वाली.”
कंजूस – “कौन से फूल ? गुलाब के या चमेली के ?”
मेहमान – “गुलाब के.”
.
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कंजूस (अपनी बीवी से) – “लाजो, ज़रा देख तो गुलाब
के फूलों की डिजाइन वाला गिलास अपने घर में है या नहीं ?”
बीवी – “नहीं है जी …”
कंजूस (खीजते हुए ) – “ओ त्तेरी ! नहीं है ....?
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चल फिर जूस रहने दे …
भाईसाहब को मजा नहीं आएगा…. !!!
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